15 अगस्त से जुड़े राष्ट्रध्वज , अशोक चक्र की रोचक जानकारी ( Interesting information about things related to 15 august )

15 अगस्त के बारे सायद ही कोई नहीं जानता होगा ,क्युकी यह दिन का महत्व सबसे अलग है।  हर हिंदुस्तानी के लिए यह दिन गर्व का दिन है।  पर आज  हम बात करने वाले है १५ अगस्त से जुड़े हमारे ध्वज , अशोकचक्र , और राष्ट्रीय प्रतिक के बारे में जो आपने पहले सायद ही सुनी होगी।  


राष्ट्रध्वज की अनोखी बाते :-





1) भारत मे राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा कहा जाता है क्योंकि वह हरा, सफेद और केसरी रंग से बनाया जाता है।  

2) रांची के मंदिर मे देश का सबसे ऊंचा 493 मीटर की ऊंचाई पर तिरंगा लहराया जाता है ।

3) भारत मे flag code of India नामक तिरंगे के लिए कानून बनाया गया है जिसमे तिरंगे को लहराने की ओर उसकी जानकारी दी गई है ।

4) तिरंगा कोर्टन, सिल्क ओर खादी का होना चाहिए ।

5) तिरंगे का आकार हम्मेसा लंबचोरस होना चाहिए ।

( यह आप gkganvit पर पढ़ रहे है )

6) अशोक चक्र मे 24 लाइन होने चाहिए ।

7) 1953 मे तिरंगे को माऊन्ट एवरेस्ट की टोच पे युनियन जैक ओर नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ लहराया गया था ।

8) पुरे भारत मे 21 बाए 14 फिट का तिरंगा सिर्फ तीन जगह पर लहराया जाता है कर्नाटक, महाराष्ट्र ओर मध्यप्रदेश

9) हमारा तिरंगा पिगली वकैया जी ने बनाया था ।


हमारे राष्ट्रीय प्रतिक :-

1)  राष्ट्रीय फुल कमल


 

कमल के फूल की भारतीय संस्कृति मे विशेष महत्व है । कमल शुध्दता, सुन्दरता, समरूध्धी, क्षमा ओर ज्ञान का प्रतीक है और इस वजह से कमल के फूल को राष्ट्रीय फुल का दर्जा दिया गया है ।( यह आप gkganvit पर पढ़ रहे है )

2)  राष्ट्रीय  खेल  होकी 

1928 मे ओलम्पिक मे होकी के खेल मे भारत ने पहली बार गोल्ड मेडल जीता था । ओर उसके बाद 1932 ओर 1936 मे ओलंपिक गोल्ड मेडल जीत के हैट्रिक दिया था ।

3) राष्ट्रीय प्राणी शेर



भारत मे बब्बर शेर ताकत, हिम्मत ओर तीक्ष्ण बुध्दि के लिए जाने जाते है उस कारण शेर को 1993 मे राष्ट्रीय प्राणी घोषित किया ।

4)  राष्ट्रीय मुद्रालेखन 

देश का राष्ट्रीय मुद्रालेखन सत्यमेव जयते जिसका अर्थ सत्य की हमेशा जित होती है । सत्यमेव जयते अथर्ववेद के मिण्ड़क उपनिषद का जानिता श्र्लोक है ।

5) राष्ट्रीय पक्षी मोर 


 


मोर सुन्दरता ओर सौजन्य का प्रतीक है । ओर इस वजह से मोर को 1963 के साल मे भारत सरकार ने राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया ।

6) राष्ट्रीय फल आम 



ज्यादातर आम उष्णकटिबंधीय मै होता हे। उसमें विटामिन ए, सी ओ ड़ी मिलता है। विश्व के कूल तीसरे हिस्से के आम भारत मे होते है ।इस वजह से 1950 मे आम को इंडिया का राष्ट्रीय फल घोषित किया गया ।


अनसुनी बातें अशोक चक्र की :- 

 हम सब जानते हैं अशोक राजा के द्वारा बनाए गए अशोक स्तंभ का अशोक चक्र को भारत के ध्वज में  बराबर बीच में जगह मिली है। उनमे आये 24 लाइन से भी हर कोई जानता है ,पर सायद ही उन 24 लाइन का मतलब जानते है। तो आज हम जानेगी की आखिर क्या राज़ है उन सभी लाइननो का। 

यह 24 लाइन के पीछे राजा अशोक का मुख्य हेतु मनुष्य जीवन को बेहतर करने के लिए और उनके लिए कुछ गुण  याद रखने के लिए किया गया था।  सम्राट अशोक द्वारा हर एक लाइन को एक गुण के  साथ जोड़ा गया था।  यह  24 गुण कौन-कौन से थे चलो जानते हैं। ( यह आप gkganvit पर पढ़ रहे है ) 

ध्वज में आये 24 लाइन में हर एक का मलतब क्रम से संयम ,आरोग्य, शांति, त्याग, सील, सेवा, क्षमा ,  प्रेम,  मैत्री , बंधुत्व, संगठन  ,कल्याण ,समृद्धि ,उद्योग ,सुरक्षा, नियम, समता ,अर्थ ,नीति ,न्याय, सहकार्य , कर्तव्य ,अधिकार ,बुद्धिमता होता है।  

इन 24 गुणों का पालन जो इंसान करे तो उनका जीवन सफल हो जाता है और वह देश  को भी और बेहतर  बनाने में अपना योगदान देता है।  


राष्ट्रध्वज के डिजाइन पीछे का इतिहास :-

राष्ट्रध्वज हमारे देश का इतिहास और संस्कृति का प्रतीक है।  वैसे तो राष्ट्रध्वज कांग्रेस पक्ष का ध्वज था। अनेक विभूतियों द्वारा कांग्रेस के ध्वज के लिए तरह-तरह की डिजाइन तैयार की गई थी पर गांधीजी ऐसे ध्वज की तलाश में थे जो राष्ट्र की भावनाओं को दर्शाए।  आज के राष्ट्रध्वज की डिजाइन आजादी के  पहले 3 दसक  से पहले से नक्की हुई थी।  इस ध्वज की डिजाइन गांधीजी के अनुसार पिंगली वेंकैया के द्वारा की गई थी।  


 जानते हैं कौन है यह पिंगली वेंकैया ? 

पिंगली वेंकैया जन्म 2 अगस्त 1878 को आंध्र प्रदेश में हुआ था। उन्होंने कैंब्रिज से अपना अभ्यास किया था। उनकी मुलाकात गांधी जी से दक्षिण अफ्रीका में है हुई थी। 1916 में बैंक के द्वारा राष्ट्रध्वज की 30 डिजाइन बनाई गई थी। मद्रास हाई कोर्ट में सभ्य द्वारा बण्डोल  इकट्ठा करके उसकी किताब छपआई थी। 1921 में विजयवाड़ा में महात्मा गांधी जी के साथ मुलाकात की और इंडियन नेशनल कांग्रेस के ध्वज  की डिजाइन दिखाइए उनमें दो लाल रंग और एक लीला कलर का  पट्टा था।  


गांधीजी और कांग्रेस कमेटी द्वारा  ध्वज में फेरफार :-

गांधीजी के द्वारा लाला  हंसराज के सूचन  से ध्वज के दो लाल पट्टे में से एक शांति का प्रतीक माना जाता सफेद रंग और विकास का प्रतीक समान एक चरखे का चित्र  ऐड करने को कहा। 1931 ने कांग्रेस कमिटी द्वारा ध्वज में परिवर्तन किया गया ऊपर के लाल रंग की जगह केसरी रंग , बीच में सफेद रंग , निचे हरा रंग के  पट्टे की डिजाइन निक्की किया गया और सफेद पट्टी के बीच में चरखी के प्रतीक रखा गया। 

राष्ट्र ध्वज का अंतिम डिजाइन :- 

आजादी के बाद राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की अगवाई में नेशनल फ्लैग कमेटी की रचना हुई।  इस कमेटी द्वारा इंडियन नेशनल कांग्रेस के लिए तैयार किए गए ध्वज की डिजाइन को पसंद किया।  सफेद पट्टी में चरखे की जगह 24 ( आँका ) लाइन वाला अशोक चक्र को रखा गया।  22 जुलाई 1947 यह डिजाइन अपनाई गई थी। 


भारत का राष्ट्रीय चिन्ह :-

भारत का राष्ट्रीय चिन्ह अशोक चिन्ह है। अशोक चिन्ह  का प्रतीक भारत का गौरव ,आत्मविश्वास, शक्ति और साहस का प्रतीक है। यह चिन्ह अशोक सम्राट के द्वारा बनाए गए  सिंह चतुर्मुख से लिया गया है ,जो उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी के सारनाथ में आया हुआ है। 




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