चलो इंसान बनते हैं...

   नमस्कार दोस्तों,  

आज हम जहां रहते हैं, हमारे साथ बहुत सारे जीव रहते हैं। उन सभी जीवो मे से इंसान ही एक ऐसा जीव है जो बोल कर अपना दर्द , अपनी खुशी बता सकता है। सीधी सी बात है अगर हम सबको कुश रहना है , तो सबी जीवो को साथ लेना होगा, तबी हर कोई कुश रह सकता है।



आज इंसान भागम -भाग वाली इस दुनिया में सयाद जीना भूल रहा है ।  अपना फयादे  के लिए दुसरो का घर तोड़ रहा है।  अपने आस पास ही देख लो जो पेड़ पर पंखी होते थे सयाद आज नहीं है.. क्योंकि उन पंखी ओका घर सयाद हमने छिन लिया है ।

 इंसान अपनी लाइफ बेहतर बनाने के लिए आज काफी टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहा रहा है। टेक्नोलॉजी के इस युग में और चीजें पहले से भी बेहतर बना रहा है ,हा टिक है की वो बेहतर बना रहा है , पर सयाद उसकी वजह से नुक्सान बी कर रहा है । लोग आज जरुरत से ज्यादा पेड़ काट रहे  हैं। पर कुश लॉग इन पेडो को अपनी निजी फायदे के लिए इस्तिमल करता है।  




  एन वजह से लोगो के सामने बहुत सारे सवाल हैं जैसे की बारिश कम आना, गरमी बड़ना, तलाबो का सुकाना, एसिड रेन (acid rain ), ग्लोबल वार्मिंग।(global warming). जगंली जानवरो का मरना । 





 गये कुछ सालो मे जो बदलाव आया हे हमारे  वातावरण मे, इन सभी के लीई हम सब इंसान ही जिम्मेदार है।शायद इंसान जानकर भी यहां सब कुछ कर रहा है पर हमारे  लिए यह समझनाना काफी जरूरी है की अगर हम इसी तरह से पृथ्वी को नुकसान पहुंचाते रहेंगे तो वो काफी खतरनाक हो सकता है आने वाले कुछ सालों में । हम जहां रहते हैं उस पृथ्वी पर बारिश लाने मैं पेड़ों का और जंगल का काफी महत्व है । पर आज इंसानइन पेड़ों और जंगलो  कासफाया कर रहा है । उस वजह से जंगल में रहने वाले काफी जीव जो गांव मेंआ जाते हैं और वहां मारे भी जाते हैं। उस वजह से आज काफी सारे जंगली जीव लुप्त होने की कगार पर खड़े हैं । तो वह हम इंसान की जिम्मेदारी है कि हम उन जीवो का घर बचाए और लुप्त होते हुए जीवो  को भी बचाएं ।

 पानी हमारे जीवन काएक अहम अंग बन चुका है पानी के बिना शायद जीवन शायद नामुमकिन है बीते कुछ सालों में है वातावरण में जो चेंज हुए हैं उनके अलावा सीजन में भी जो चेंज हुए हैं वह हमारी ही देन है । पेड़ और जंगलों के काटने के बाद बारिश में है बहुत कमी आई है । इनकम बारिश के कारण जो हमारे नदी है , नाले हैं , और कुआं भरते नही। इन वजह से हमें पानी की काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है ।


     * एसिड रेन (Acid rain)

 एसिड रेन का मतलब है कि वातावरण में जो एसिड है वह बारिश में मिलना। लोगों ने अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए काफी फैक्ट्री,प्लांट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं और उन फैक्ट्रियों और प्लांट्स में से निकलने वाला धुआं बारिश के साथ खुल मिल जाता है और वह बारिश जमीन पर पड़ती है । बारिश का यह पानी हमारे खेती लायक जमीन के लिए काफी नुकसान कारक है क्योंकि उसमें है रहने वाले एक केमिकल पार्टिकल हमारे खेती को नुकसान पहुंचाते हैं ।




   एसिड रेन की वजह से पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतु पर और लोगों का जीवन प्रभावित होता है।इसी एसिड बरसात के कारण काफी जीवो को अपनी जान गंवानी पड़ती है । 


  * ग्लोबल वार्मिंग (global warming )

 पिछले कुछ सालों में जो गर्मी का पारा बड़ा है वह ग्लोबल वार्मिंग की ही देन है ।गर्मी इस हद तक बढ़ चुकी है कि आप दोपहर को बाहर बिना छाते के निकल भी नहीं सकते हैं , और बिना फैन और ऐसी के बिना रह नहीं सकते हैं ।




 पृथ्वी के इस वातावरण को हमने बहुत सारे केमिकल और दूषित हवा से भर दिया है . जो सूर्य में से आने वाली किरण को पृथ्वी से रिफ्लेक्ट होकर वातावरण के ऊपर ले जानेके बिना वह दूषित हवा वहां गर्मी को पृथ्वी के वातावरण में ही रोक लेता है, और गर्मी में बढ़ती करता है।  ग्लोबल वार्मिंग की इस वजह से काफी जंगली जीवो को गर्मी और पानी ना मिलने पर अपनी जान गंवानी पड़ती है। 


-- हमारी जिम्मेदारियां --


) इंसान को अपनी जिम्मेदारी समझ कर पेड़ों और जंगलों का रक्षण करना चाहिए।  

२) हमें खाली जगह पर और बिन उपजाऊ जमीन पर पेड़ों को लगाना चाहिए ।

३) पेड़ लगाने से जंगली ‌ जिवो को अपना घर मिलेगा।‌

४) बारिश के पानी का इस्तेमाल करके पानी की कमी को दूर किया जा सकता है।

५) काम के लिए सरकारी वाहनों का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि ‌ काम के लिए जाने के लिए बस का इस्तेमाल।

६) नदी के कुछ अंतर पर जगह-जगह डैम बनाकर पानी का संग्रह किया जा सकता है ।

७) अगर आपके पास गाड़ी मोटर हैं तो उसका रेगुलर सर्विस करें। 



            यह आशा रखता हूं की आप अपनी जिम्मेदारी को समझेंगे और अपना कल बेहतर बनाएंगे।

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