जन्माष्टमी से जुड़ी रोचक बातें , अलग-अलग राज्यों में जन्माष्टमी को कैसे मनाते हैं ?


भगवान् श्री कृष्णा का यह त्यौहार पुरे भारत में पुरे हर्षो उल्लाश के साथ मनाया जाता है। इस  त्यौहार से सायद ही कोई अनजान होगा क्युकी भगवान कृष्ण के बारे में हम सभी जानते है।  लोग इस त्यौहार धूमधाम और पूरी श्रद्धा के साथ मनाते है। कही लोग भजन से कृष्णा जी का यह दिन मनते है ,कही जगराता होता है ,किसी जगह मेले का आयोजन किया जाता है।  

पर आज हम इस त्यौहार से जुडी कुछ अनसुनी बाते जानने वाले है।  


श्री कृष्णा का जन्म के रूप में यह दिन पुरे भारत में काफी धूमधाम से मनाया जाता  है। 

 

यह त्यौहार हिन्दू कैलेंडर अनुसार कृष्ण पक्ष के अष्टमी को श्रावण में मनाया जाता है। 


श्री कृष्णा जो विष्णुजी के दश अवतारों में से आठवे अवतार है।  


इस त्यौहार को अलग अलग नामो से भी पहचाना जाता है , जैसे की गोकुल आठम , गोकुलाअष्टमी  इत्यादि। 


इस त्यौहार  को लोग अगल राज्यों में अगल अगल तरह से मनाते है तो चलो जानते है आखिर किस राज्यों में किस तरह यह त्यौहार मनाया जाता है। 



गुजरात : इस त्यौहार का गुजरात में अलग ही महत्व है।यहाँ के लोग भक्ति और आस्था के रूप में इस त्यौहार के दिन भजन गाते है , मंदिरो में नृत्य करते है ,कृष्णा मंदिर में आरती पूजा अर्चना करते है , कुछ जगा भजन अखंड सप्ताह का आयोजन करते है।  


कच्छ : गुजरात के इस जिले में लोग खाश के किशान अपनी बैलगाड़ी को फूलो से सजाते है , लोग समूह नृत्य और गायन करते है। 


उत्तरी भारत :  इस जगा लोगो के द्वारा पुरे मंदिर को फूलो और लाइट से सजाया जाता है , कृष्ण के भक्तो द्वारा अलग अलग कार्यक्रम का आयोजन किया है , रात्रि जागरण , भजन भक्ति , लोगो के लिए भंडारा का आयोजन , महा प्रसाद का आयोजन , लोगो में  मिठाई बाटना जैसे काम होते है।  


जम्मू कश्मीर  : यहाँ के लोगो द्वारा इस त्यौहारको अलग  तरह से मान्य जाता है , लोग अपनी छतो पर जाकर पतंग उड़ाते है।  


आंध्रा प्रदेश : यहाँ के लोग इस  दिन मंदिर में इक्क्ठा होके कृष्णा के भक्ति गीतों और श्लोक को गायन करते है। यहाँ मंदिरो की संख्या कम होने के कारण लोग श्री कृष्णा  मूर्ति के बजाये कृष्णा  के  फोटो की पूजा अर्चना  है।  


ओडिशा : यहाँ लोग उपवास करते है और भगवन की पूजा करते है।  इस  त्यौहार को कृष्णा जयंती या फिर सिर्फ जयंती के  जाता है।       


इस त्यौहार को सिर्फ भारत में ही नहीं भारत के बाहर के जगह पर भी काफी धूमधाम से मनाया जाता है जैसे कि नेपाल, बांग्लादेश, फिजी जैसी जगहों पर भी इस त्यौहार को खूब धूमधाम से मनाया जाता है।  


इस त्यौहार के दिन लोगों गायन, एक साथ प्रार्थना, भंडारा ,रात्रि जागरण जैसे कार्यक्रमों का आयोजन अपने आसपास के मंदिरो  में करता है। 


जन्माष्टमी के इस पावन पर्व पर श्री कृष्ण के प्रमुख मंदिरों में लोग इकट्ठा होकर " भागवत पुराण " और " भगवत गीता "  के पाठ का अध्ययन का आयोजन करते हैं। 


बहुत से मंदिरों में भगवान श्री कृष्णा के जीवन लीला को जिसे कृष्ण लीला कहा जाता है रूप में दिखाया जाता है।



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